Multai news : मुलताई के नायब तहसीलदार पर कार्रवाई के आदेश जारी: कलेक्टर ने विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने के दिए सख्त निर्देश

मुलताई के नायब तहसीलदार पर कार्रवाई के आदेश जारी: कलेक्टर ने विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने के दिए सख्त निर्देश

बैतूल। बैतूल जिले में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, कलेक्टर श्री कुमार सूर्यवंशी ने मुलताई के नायब तहसीलदार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। यह आदेश विशेष रूप से विवादित भूमि पर हुए अतिक्रमण और उससे संबंधित प्रशासनिक लापरवाही के मामलों को लेकर दिया गया है। कलेक्टर के इस निर्णय ने जिले में राजस्व संबंधी कार्यों में सुशासन के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।

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मामले की पृष्ठभूमि और शिकायतें:

पिछले कुछ समय से बैतूल जिले, विशेषकर मुलताई तहसील से, विवादित भूमि पर अवैध कब्जे और उससे जुड़ी अनियमितताओं की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही थीं। इन शिकायतों में प्रमुख रूप से आरोप लगाया गया था कि राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके कारण अवैध कब्जों को बल मिल रहा था। ग्रामीणों और संबंधित पक्षों द्वारा सीधे कलेक्टर कार्यालय में शिकायतें दर्ज कराई गई थीं, जिनमें नायब तहसीलदार मुलताई के कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए थे।

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मामले की गंभीरता को देखते हुए, कलेक्टर श्री कुमार सूर्यवंशी ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने संबंधित शिकायतों की विस्तृत जांच के आदेश दिए और एक उच्च-स्तरीय टीम का गठन किया, जिसे इन मामलों की गहराई से पड़ताल करने का जिम्मा सौंपा गया। जांच टीम ने मुलताई क्षेत्र में कई दिनों तक मौके पर जाकर निरीक्षण किया, संबंधित दस्तावेजों की छानबीन की और शिकायतकर्ताओं व स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए।

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जांच में सामने आई अनियमितताएं:

जांच रिपोर्ट में यह सामने आया कि मुलताई के नायब तहसीलदार द्वारा विवादित भूमि के मामलों में अपेक्षित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, कई मामलों में समय पर कार्रवाई नहीं की गई, जिससे अवैध कब्जों को बढ़ावा मिला। कुछ मामलों में तो दस्तावेजों में भी विसंगतियां पाई गईं, जो प्रशासनिक लापरवाही का स्पष्ट संकेत था। यह भी पता चला कि नायब तहसीलदार ने विवादित भूमि संबंधी आवेदनों और शिकायतों पर उचित ध्यान नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप भूमि पर अवैध कब्जे होते रहे और वे कानूनी रूप से वैध रूप लेने की कोशिश करते रहे।

रिपोर्ट में विशेष रूप से कुछ ऐसे प्रकरणों का उल्लेख किया गया, जहां भूमि विवादों को सुलझाने में देरी की गई या फिर गलत ढंग से निपटाया गया। इससे न केवल संबंधित पक्षों को परेशानी हुई, बल्कि सरकार की भूमि पर भी अतिक्रमण हुआ। यह स्थिति कानून के शासन के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रही थी।

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कलेक्टर के सख्त निर्देश और आगामी कार्रवाई:

जांच रिपोर्ट के आधार पर, कलेक्टर श्री कुमार सूर्यवंशी ने बिना किसी विलंब के नायब तहसीलदार मुलताई के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राजस्व प्रशासन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि मुलताई तहसील में विवादित भूमि पर हुए सभी अवैध कब्जों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। इसके लिए पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित करने के आदेश भी दिए गए हैं।

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कलेक्टर ने भविष्य के लिए भी सख्त हिदायतें दी हैं। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे भूमि संबंधी सभी मामलों का निपटारा नियमानुसार और तय समय-सीमा के भीतर करें। किसी भी शिकायत को लंबित न रखा जाए और प्रत्येक मामले की पारदर्शिता के साथ जांच की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में ऐसी कोई शिकायत दोबारा आती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जनता पर प्रभाव और प्रशासनिक संदेश:

कलेक्टर के इस कदम से आम जनता में प्रशासन के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है। ग्रामीणों ने इस निर्णय का स्वागत किया है, क्योंकि यह उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगाता है। विशेषकर उन किसानों और भू-स्वामियों को राहत मिली है, जिनकी जमीनों पर अवैध कब्जे का खतरा बना हुआ था। यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश देती है कि सरकार भू-माफियाओं और अनियमितताओं के खिलाफ सख्त है और किसी भी कीमत पर जनता के हितों की रक्षा करेगी।

यह घटना दर्शाती है कि प्रशासन किस प्रकार सक्रिय रूप से जनता की शिकायतों का समाधान कर रहा है और जवाबदेह शासन स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में मुलताई तहसील में अतिक्रमण हटाओ अभियान तेजी से चलने की संभावना है, जिससे विवादित भूमियों को मुक्त कराया जा सकेगा और कानूनी व्यवस्था बहाल होगी। यह निर्णय बैतूल जिले में राजस्व प्रशासन को और अधिक प्रभावी और कुशल बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

 

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