Tesla share news : टेस्ला का धड़ाम: मस्क-ट्रम्प की ‘जुबानी जंग’ से निवेशकों के $150 अरब उड़े!

Tesla share news :हाल ही में, इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली मशहूर कंपनी टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट आई है। यह गिरावट इतनी बड़ी थी कि कंपनी के बाजार से करीब 150 अरब डॉलर (लगभग 12.5 लाख करोड़ रुपये) रातोंरात गायब हो गए। इस बड़ी गिरावट की वजह कोई और नहीं, बल्कि टेस्ला के मालिक एलोन मस्क और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच चल रही तीखी जुबानी जंग को माना जा रहा है। इस ‘तकरार’ ने निवेशकों को डरा दिया है, खासकर उन्हें जो सोचते हैं कि भविष्य में खुद से चलने वाली कारों (ऑटोनॉमस व्हीकल्स) के लिए सरकारी नियम-कानून कड़े हो सकते हैं।

क्यों हुआ यह ‘धमाका’?

टेस्ला, जिसे एलोन मस्क चलाते हैं, दुनिया भर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए जानी जाती है। मस्क ने अपनी सोच और नए-नए आइडिया से इस कंपनी को बहुत ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। लेकिन, मस्क अपने बेबाक बयानों और कभी-कभी राजनेताओं से भिड़ने के लिए भी जाने जाते हैं। यही वजह है कि उनके और ट्रम्प के बीच यह विवाद शुरू हुआ।

यह झगड़ा तब शुरू हुआ जब अमेरिका के राष्ट्रपति के बजट पर बात चल रही थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने इशारों-इशारों में धमकी दी कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बने, तो एलोन मस्क की कंपनियों, जैसे टेस्ला और स्पेसएक्स, के खिलाफ सख्त कदम उठा सकते हैं। जवाब में, मस्क ने दावा किया कि ट्रम्प को चुनाव जिताने में उनकी भी भूमिका थी। बस, यहीं से बात बिगड़ गई और निवेशकों का भरोसा डगमगा गया।

निवेशकों को क्यों लगा डर?

निवेशक हमेशा चाहते हैं कि बाजार में स्थिरता हो और नियम-कानून उनके पक्ष में हों। जब दो बड़े और प्रभावशाली लोग आपस में भिड़ते हैं, तो बाजार में डर और अनिश्चितता का माहौल बन जाता है। ट्रम्प की धमकी से निवेशकों को लगा कि अगर ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों को सरकारी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इसका सीधा असर कंपनियों के मुनाफे और कामकाज पर पड़ेगा।

खुद से चलने वाली कारों का भविष्य खतरे में?

टेस्ला का भविष्य बहुत हद तक खुद से चलने वाली गाड़ियों (FSD – Full Self-Driving) की तकनीक पर टिका है। कंपनी ने इस पर बहुत पैसा लगाया है और इसे अपनी कमाई बढ़ाने का बड़ा जरिया मानती है। लेकिन, खुद से चलने वाली कारों को दुनिया भर में बहुत सख्त नियमों का सामना करना पड़ता है। निवेशकों को डर है कि अगर ट्रम्प प्रशासन टेस्ला की FSD तकनीक पर और भी कड़े नियम लगाता है या इसके परीक्षण और इस्तेमाल को मुश्किल बनाता है, तो यह टेस्ला के लिए एक बड़ा झटका होगा। उन्हें लग रहा है कि यह विवाद टेस्ला के खुद से चलने वाली कारों के सपने को तोड़ सकता है।

दो ‘धमाकेदार’ हस्तियों की लड़ाई

एलोन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प दोनों ही अपने मजबूत व्यक्तित्व और सीधे बोलने के लिए जाने जाते हैं। मस्क अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी राय रखते हैं, जिससे कई बार विवाद भी होते हैं। वहीं, ट्रम्प भी अपने बेबाक और कभी-कभी आक्रामक बयानों के लिए मशहूर हैं। जब ऐसे दो बड़े व्यक्तित्व आपस में भिड़ते हैं, तो इसके नतीजे अक्सर अप्रत्याशित होते हैं और बाजार पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है। मस्क के उस बयान ने, जिसमें उन्होंने ट्रम्प को चुनाव जिताने में मदद करने का दावा किया, ट्रम्प को और गुस्सा दिलाया होगा, जिससे यह विवाद और बढ़ गया।

सबक: राजनीति भी शेयर बाजार को हिला सकती है

इस घटना से यह साफ हो गया है कि कैसे राजनीतिक घटनाक्रम और दो लोगों की आपसी लड़ाई भी बड़ी कंपनियों के शेयर की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। निवेशकों को अब सिर्फ कंपनी के काम और बाजार के रुझानों पर ही नहीं, बल्कि राजनीतिक माहौल और बड़े लोगों के रिश्तों पर भी नजर रखनी होगी। टेस्ला के मामले में, एलोन मस्क कंपनी का चेहरा हैं, और उनके राजनीतिक रिश्ते या विवाद सीधे कंपनी के भविष्य पर असर डाल सकते हैं।

टेस्ला के शेयरों में इस गिरावट से मस्क के खुद के धन को भी बड़ा नुकसान हुआ है। चूंकि मस्क की ज्यादातर दौलत टेस्ला के शेयरों में ही लगी है, इसलिए शेयरों के दाम गिरने से उनकी अपनी संपत्ति में भी कमी आई है। यह दिखाता है कि कितनी भी बड़ी शख्सियत क्यों न हो, बाजार की अस्थिरता और राजनीतिक खतरे से कोई अछूता नहीं है।

आगे क्या होगा, यह कहना मुश्किल है। क्या मस्क और ट्रम्प का यह विवाद शांत हो जाएगा, या यह और बढ़ेगा? क्या अमेरिकी सरकार सचमुच टेस्ला के खिलाफ कोई कदम उठाएगी? इन सवालों के जवाब तो वक्त ही देगा, लेकिन अभी के लिए, निवेशकों को टेस्ला के भविष्य को लेकर अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। यह घटना टेस्ला और उसके निवेशकों के लिए एक बड़ी चुनौती है, और यह दिखाती है कि कैसे वैश्विक बाजार राजनीतिक हवाओं के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।

टेस्ला को अब निवेशकों का भरोसा फिर से जीतने और कंपनी की लंबी अवधि की ग्रोथ को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इसमें सरकार से जुड़े लोगों के साथ साफ बातचीत, संभावित राजनीतिक खतरों को कम करने की योजनाएं, और कंपनी के मुख्य काम पर ध्यान देना शामिल हो सकता है। मस्क को भी अपने सार्वजनिक बयानों में थोड़ा संयम बरतना होगा ताकि ऐसे विवादों से बचा जा सके, जो कंपनी के शेयरधारकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

संक्षेप में, टेस्ला जैसी बड़ी और प्रभावशाली कंपनी के लिए सिर्फ नई तकनीक और बाजार में आगे रहना ही काफी नहीं है। उसे एक स्थिर और अनुकूल माहौल भी बनाए रखना होगा। राजनीतिक हस्तियों से टकराव से बचना और अच्छे रिश्ते बनाए रखना भविष्य में टेस्ला की सफलता के लिए उतना ही जरूरी हो सकता है, जितनी उसकी इंजीनियरिंग क्षमता। इस घटना ने बाजार को एक बड़ा सबक दिया है कि व्यक्तिगत रिश्तों और राजनीतिक माहौल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर जब वे दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों में से एक से जुड़े हों।

इस लेख के बारे में आपके क्या विचार हैं? क्या आप भी मानते हैं कि बड़े लोगों की आपसी बहस से शेयर बाजार पर इतना असर पड़ सकता है?

 

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