Share market: शुक्रवार, 13 तारीख का ‘मनहूस’ कनेक्शन .
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!13 तारीख’ – यह वाक्यांश सुनते ही कई लोगों के मन में एक अजीब-सा भय या अशुभता की भावना आ जाती है। यह धारणा सदियों से चली आ रही है और विभिन्न संस्कृतियों में इसका अपना महत्व है। लेकिन, जब बात शेयर बाजार की आती है, तो क्या यह ‘मनहूस’ तारीख भारतीय इक्विटी सूचकांकों, सेंसेक्स और निफ्टी पर वास्तव में कोई नकारात्मक प्रभाव डालती है?
ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि तस्वीर उतनी सीधी नहीं है जितनी दिखती है।शुक्रवार, 13 तारीख: बाजार का मिलाजुला रुझानभारतीय शेयर बाजार ने 1990 से अब तक कई शुक्रवार, 13 तारीख का सामना किया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में निफ्टी ने ऐसे 55 शुक्रवारों को देखा है। इन दिनों के बाजार प्रदर्शन का विश्लेषण करें तो यह एक मिलाजुला रुझान दिखाता है – कुछ में बाजार ने जोरदार बढ़त दर्ज की, तो कुछ में भारी गिरावट।गिरावट के उदाहरण: जब ‘मनहूस’ धारणा सच हुईकुछ मौकों पर, शुक्रवार, 13 तारीख ने निवेशकों को वाकई मायूस किया है।
उदाहरण के लिए, 13 जून, 2025 को भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में काफी बड़ी गिरावट देखी गई। यह गिरावट 2016 में शुक्रवार, 13 तारीख को देखे गए एक समान पैटर्न की याद दिलाती है, जब बाजार ने इसी तरह का दबाव महसूस किया था। ऐसे उदाहरण अंधविश्वासों को बल देते हुए प्रतीत होते हैं कि यह तारीख वास्तव में बाजार के लिए खराब हो सकती है।
तेजी के उदाहरण: अंधविश्वास को धता बताती बाजार की चालहालांकि, सिक्के का दूसरा पहलू भी है। कई शुक्रवार, 13 तारीख ऐसे भी रहे हैं जब भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों को खुशी दी है। अक्टूबर 2017 और दिसंबर 2019 इसके प्रमुख उदाहरण हैं। इन तारीखों पर निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में सकारात्मक रुझान देखा गया, जिससे यह साबित हुआ कि बाजार की चाल केवल किसी तारीख के ‘मनहूस’ होने की धारणा से तय नहीं होती।
क्षेत्रवार प्रदर्शन: बेहतर रिटर्न की कहानीसबसे दिलचस्प बात यह है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, कई भारतीय क्षेत्र शुक्रवार, 13 तारीख को अपने औसत दैनिक रिटर्न की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। यह एक विरोधाभासी तथ्य है जो दर्शाता है कि सामान्य अंधविश्वास के विपरीत, बाजार के मौलिक कारक और वैश्विक रुझान किसी विशेष तारीख की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 55 में से अधिकांश शुक्रवार, 13 तारीख को निफ्टी ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जो यह बताता है कि इस तारीख का नकारात्मक प्रभाव एक अपवाद से अधिक कुछ नहीं है।
निष्कर्ष: अंधविश्वास या बाजार की हकीकत?
कुल मिलाकर, भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार, 13 तारीख की धारणा केवल एक अंधविश्वास प्रतीत होती है। हालांकि, कुछ मौकों पर बड़ी गिरावट देखी गई है, लेकिन यह बाजार के अस्थिर स्वभाव और उस दिन की विशिष्ट आर्थिक या वैश्विक घटनाओं का परिणाम हो सकता है, न कि केवल तारीख का। वास्तव में, ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि इस तारीख पर बाजार का प्रदर्शन अक्सर सकारात्मक रहा है, और भारतीय क्षेत्र औसत से बेहतर प्रदर्शन करते हैं।यह निवेशकों को याद दिलाता है कि बाजार में निवेश करते समय, ठोस वित्तीय विश्लेषण, कंपनियों के प्रदर्शन, आर्थिक नीतियों और वैश्विक संकेतों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक महत्वपूर्ण है, बजाय किसी विशेष तारीख के अंधविश्वासों में पड़ने के.