Tuesday, July 1, 2025
HomeLocal NewsPathakheda SI News :- ईमानदारी की सज़ा या सिस्टम की 'मजबूरी': पथाखेड़ा...

Pathakheda SI News :- ईमानदारी की सज़ा या सिस्टम की ‘मजबूरी’: पथाखेड़ा से मासोद तक का ‘वंशज’ सफर!

Pathakheda SI News : ईमानदारी की सज़ा या सिस्टम की ‘मजबूरी’: पथाखेड़ा से मासोद तक का ‘वंशज’ सफर!
वाह रे, अपना सिस्टम! यहाँ ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा ऐसी चीज़ें हैं, जिनकी कीमत कभी-कभी तबादले के रूप में चुकानी पड़ती है। बात हो रही है पथाखेड़ा चौकी के वंशज श्रीवास्तव की, जिन्हें उनकी साफ छवि और अपराधियों पर ‘अंकुश’ लगाने की जिद के लिए जाना जाता था। अब उनका ‘उन्नति’ हो गई है, यानी तबादला होकर मसौद पहुँच गए हैं। जनता कहती है कि ये तो राजनीतिक दबाव है, लेकिन विभाग इसे ‘नियमित फेरबदल’ का नाम दे रहा है। ठीक है, ‘नियमित फेरबदल’ भी ज़रूरी है, आखिर नए चेहरों को भी तो ‘सेवा’ का मौका मिलना चाहिए!


Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Betul Samachar : बैतूल में महिला की दर्दभरी पुकार: “मेरी गाय-भैंस तक हड़प ली गई!” कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

खबरें तो ये भी हैं कि श्रीवास्तव साहब ने अपने कार्यकाल में कई चोरियों का पर्दाफाश किया, लुटेरों को जेल भेजा और इलाके में कानून-व्यवस्था का राज स्थापित किया। एक स्थानीय निवासी ने तो नाम न छापने की शर्त पर कहा कि “श्रीवास्तव जैसे ईमानदार अधिकारी कम ही देखने को मिलते हैं। उनके आने से अपराधियों में डर था, और इलाके में शांति थी।” अब आप ही बताइए, जब अपराधियों में डर और इलाके में शांति हो, तो भला किसे ‘चैन’ आएगा? शायद उन्हीं ‘प्रभावशाली लोगों’ को नहीं रास आई, जिनकी रसूखदारी में वंशज श्रीवास्तव की ईमानदारी ‘बाधा’ बन रही थी। क्योंकि ईमानदारी आजकल कुछ लोगों के लिए ‘अड़चन’ बन जाती है, है ना?

Betul News :प्रदीप और सागर की ‘रोजगार’ गाथा और पुलिस की मौन स्वीकृति पर सवाल

और ये सोशल मीडिया! इसने तो गज़ब कर दिया। एक वायरल वीडियो आया, जिसमें वंशज साहब को ‘नशे की हालत’ में दिखाया गया। जनता का कहना है कि ये उनकी छवि खराब करने की साजिश है, क्योंकि वो तो देर रात ड्यूटी पर एक दुकान बंद कराने गए थे। अब बताइए, एक पुलिस वाला अपनी ड्यूटी निभाए और उसे ‘शराबी’ बना दिया जाए! कमाल है! लगता है अब पुलिस वालों को ड्यूटी पर जाते समय भी ‘वीडियोग्राफर’ साथ लेकर चलना पड़ेगा, ताकि ‘सच्चाई’ का प्रमाण रहे। वरना, कौन जाने कब कोई ‘फिल्मी डायरेक्टर’ उनके ड्यूटी वाले वीडियो को ‘बदनाम’ करने वाली स्क्रिप्ट में फिट कर दे।

Betul News :प्रदीप और सागर की ‘रोजगार’ गाथा और पुलिस की मौन स्वीकृति पर सवाल

पथाखेड़ा के लोग तो अब ‘निराश’ हैं। उन्हें डर है कि श्रीवास्तव साहब के जाने के बाद अपराधी फिर से सक्रिय हो सकते हैं। एक गुमनाम व्यक्ति ने तो अपनी जान का खतरा बताते हुए कहा कि श्रीवास्तव जैसे अधिकारी के बिना पथाखेड़ा की सुरक्षा ‘खतरे’ में पड़ सकती है। तो क्या अब पथाखेड़ा की जनता को अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही ‘लाठी’ उठानी पड़ेगी?
सारांश ये है कि वंशज श्रीवास्तव का तबादला एक ‘पहेली’ बन गया है। क्या यह वास्तव में ईमानदारी की सज़ा है, या फिर वही ‘राजनीतिक दबाव’ जिसका नाम लेते ही हमारे नेता मुस्कुराते हैं? और वो वीडियो… क्या वो सिर्फ एक सुनियोजित साजिश थी, या ‘दूध का धुला’ कोई नहीं होता? इन सवालों का जवाब तो शायद ‘समय’ ही देगा, लेकिन इतना तय है कि इस ‘नियमित फेरबदल’ से पुलिस प्रशासन और जनता के बीच का ‘जुड़ाव’ तो थोड़ा ‘कमजोर’ ज़रूर हुआ है। आखिर, जब ईमानदार अधिकारियों को ऐसे ‘इनाम’ मिलते हैं, तो बाकी लोग ‘ईमानदारी’ का पाठ कैसे पढ़ेंगे? या शायद उन्हें पढ़ना ही नहीं चाहिए?


RELATED ARTICLES

Most Popular