भारतीय शेयर बाजार की ऐतिहासिक छलांग: वैश्विक मंच पर भारत का दबदबा!
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार ने एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। मई 2025 को समाप्त हुए पिछले तीन महीनों में, भारतीय इक्विटी बाजार ने अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में 16% का असाधारण रिटर्न दिया है, जो इसे वैश्विक चार्ट में सबसे ऊपर स्थापित करता है। यह प्रदर्शन केवल संख्याओं का खेल नहीं है, बल्कि भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद और निवेशकों के अटूट भरोसे का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
वैश्विक बाजारों को पछाड़ता भारतजहां वैश्विक सूचकांकों ने इसी अवधि में केवल 2% का रिटर्न दिया, वहीं विकसित बाजारों ने भी 2% और उभरते बाजारों ने 5% का मामूली लाभ दर्ज किया। इसके विपरीत, भारत का 16% का रिटर्न इन सभी को मीलों पीछे छोड़ देता है, जो वैश्विक निवेशकों के लिए भारत को एक अत्यंत आकर्षक गंतव्य बनाता है। यह सिर्फ तात्कालिक चमक नहीं है; पिछले पांच वर्षों की लंबी अवधि में भी भारत ने 18% का मजबूत रिटर्न दिया है, जबकि विश्व और विकसित बाजार 12% और उभरते बाजार केवल 4% पर सिमट कर रह गए। मार्च 2025 के बाद से तो भारतीय बाजार में 23% की तेज वृद्धि देखी गई है, जबकि वैश्विक सूचकांकों में 18% का लाभ हुआ है, जो भारतीय बाजार की अंतर्निहित शक्ति को दर्शाता है।छोटे और मझोले शेयरों का जलवाहाल की इस रैली में छोटे और मझोले शेयरों ने विशेष रूप से शानदार प्रदर्शन किया है।
स्मॉल कैप (Small Cap) ने पिछले तीन महीनों में 21% की बढ़त दर्ज की है, और 20 मार्च 2025 से इनमें 39% की प्रभावशाली वृद्धि देखी गई है। पांच वर्षों के दौरान तो स्मॉल कैप ने 36% का चौंकाने वाला रिटर्न दिया है। इसी तरह, मिड कैप (Mid Cap) ने भी इन अवधियों में क्रमशः 17%, 36% और 32% का दमदार लाभ दिखाया है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि न केवल बड़ी कंपनियां, बल्कि मध्यम और छोटी कंपनियां भी भारतीय विकास गाथा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
लार्ज कैप (Large Cap) शेयरों ने भी मजबूत रिटर्न दिया है, तीन महीनों में 13%, 20 मार्च से 26% और पांच वर्षों में 22% का लाभ दर्ज किया है।क्षेत्रीय प्रदर्शन: कुछ चमके, कुछ धीमे रहेमई महीने में अधिकांश वैश्विक बाजारों में तेजी रही, हालांकि चीन का बाजार 2% की गिरावट के साथ अपवाद रहा। भारतीय बाजार के भीतर, औद्योगिक क्षेत्र (Industrials), पूंजीगत वस्तुएं (Capital Goods) और दूरसंचार (Telecom) जैसे क्षेत्रों ने विशेष रूप से मजबूत वृद्धि दर्ज की। यह बुनियादी ढांचे के विकास, विनिर्माण में तेजी और डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार को दर्शाता है।
वहीं, एफएमसीजी (FMCG – Fast Moving Consumer Goods), स्वास्थ्य सेवा (Healthcare) और आईटी (IT – Information Technology) जैसे क्षेत्रों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से धीमा रहा, जो शायद वैश्विक मांग में नरमी या आंतरिक कारकों का परिणाम हो सकता है।आगे की राह: भारत की विकास गाथा जारीयह असाधारण प्रदर्शन भारतीय अर्थव्यवस्था की लचीलापन, मजबूत घरेलू मांग, और सरकार की सुधार-उन्मुख नीतियों का परिणाम है। विदेशी निवेशकों का बढ़ता विश्वास और मजबूत घरेलू निवेश भी इस तेजी को बल दे रहा है।
हालांकि वैश्विक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, भारतीय बाजार ने अपनी स्थिरता और विकास क्षमता को बार-बार साबित किया है। यह प्रदर्शन न केवल निवेशकों के लिए बल्कि देश की समग्र आर्थिक प्रगति के लिए भी एक शुभ संकेत है, जो भारत को वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर एक अग्रणी शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है।क्या आप भारतीय बाजार की इस शानदार वृद्धि का हिस्सा बनने की सोच रहे हैं?