Sunday, July 6, 2025
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एक प्राचार्या का संकल्प: PETC इंदौर की डॉ.अलका भार्गव, , जिन्होंने सैकड़ों सपनों को दी उड़ान और वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड लंदन में दर्ज कराया नाम

 

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एक प्राचार्या का संकल्प: PETC इंदौर की डॉ.अलका भार्गव, जिन्होंने सैकड़ों सपनों को दी उड़ान और वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड लंदन में दर्ज कराया नाम

इंदौर की PETC की प्राचार्या डॉ. अलका भार्गव का नाम अब सिर्फ मध्य प्रदेश में ही नहीं, बल्कि विश्व पटल पर भी चमक रहा है. यह उन गुमनाम नायकों की कहानी है जो बिना किसी तामझाम के, अपनी लगन और समर्पण से समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं. डॉ. अलका भार्गव ने सैकड़ों युवाओं को MPPSC में चयन दिलाकर अधिकारी बनाया है और अब उनके नाम वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड लंदन में भी दर्ज हो गया है, जो उनके अथक प्रयासों और दूरदर्शिता का प्रमाण है.

गुमनामी से विश्व-रिकॉर्ड तक का सफर

डॉ. अलका भार्गव का PETC इंदौर की प्राचार्या के रूप में कार्यकाल एक ऐसी गाथा है जो बताती है कि कैसे एक सरकारी संस्थान भी उत्कृष्टता का केंद्र बन सकता है. जब उन्होंने PETC की बागडोर संभाली थी, तब यह संस्थान अन्य सामान्य सरकारी कॉलेजों की तरह ही था, जहां छात्रों को MPPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष मार्गदर्शन की कमी महसूस होती थी. लेकिन डॉ. अल.का भार्गव ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया और ठान लिया कि वे इस संस्थान को छात्रों के सपनों को पूरा करने का एक मंच बनाएंगी.

उनका लक्ष्य सिर्फ छात्रों को शिक्षित करना नहीं था, बल्कि उन्हें ऐसे अधिकारी के रूप में तैयार करना था जो न केवल ज्ञानवान हों, बल्कि नैतिक मूल्यों और नेतृत्व क्षमता से भी परिपूर्ण हों. उन्होंने संस्थान में एक ऐसा माहौल बनाया जहां छात्र बिना किसी डर के अपनी शंकाएं पूछ सकें, अपनी कमजोरियों पर काम कर सकें और अपनी ताकत को पहचान सकें.

नवाचार और समर्पण से बदली PETC की तस्वीर

डॉ. अलका भार्गव ने PETC में कई नवाचारी कार्यक्रम शुरू किए. उन्होंने MPPSC परीक्षा के बदलते पैटर्न को समझते हुए पाठ्यक्रम में निरंतर सुधार किए. उन्होंने अनुभवी शिक्षकों को नियुक्त किया और उन्हें नियमित रूप से नवीनतम शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया. सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि उन्होंने छात्रों के लिए निशुल्क या न्यूनतम शुल्क पर उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग की व्यवस्था की, जिससे समाज के हर वर्ग के छात्र, विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के, इस अवसर का लाभ उठा सकें.

उन्होंने सिर्फ किताबी ज्ञान पर ही जोर नहीं दिया, बल्कि छात्रों के समग्र व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने मॉक इंटरव्यू, ग्रुप डिस्कशन, व्यक्तित्व विकास कार्यशालाएं और प्रेरणादायक सत्र आयोजित किए. उनका मानना था कि एक अधिकारी बनने के लिए सिर्फ ज्ञान ही नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, संचार कौशल और दबाव में निर्णय लेने की क्षमता भी आवश्यक है. उनके मार्गदर्शन में, छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से मजबूत किया गया, बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से भी सशक्त बनाया गया.

सैकड़ों छात्रों को बनाया अधिकारी: MPPSC में ऐतिहासिक सफलता

डॉ. अलका भार्गव के प्रयासों का परिणाम अविश्वसनीय रहा है. उनके नेतृत्व में PETC इंदौर से सैकड़ों छात्रों ने MPPSC की परीक्षा पास की है और विभिन्न सरकारी विभागों में अधिकारी बने हैं. ये अधिकारी आज राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इन सफलताओं ने PETC इंदौर को मध्य प्रदेश में MPPSC की तैयारी के लिए सबसे प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों में से एक बना दिया है.

यह सफलता सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन हजारों परिवारों के सपनों के सच होने की कहानी है, जिन्होंने अपने बच्चों को अधिकारी बनने का सपना देखा था. डॉ. अलका भार्गव ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जो न केवल सफल परिणाम देती है, बल्कि छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित भी करती है.

वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड लंदन में नाम दर्ज: एक ऐतिहासिक उपलब्धि

डॉ. अलका भार्गव के अथक प्रयासों को अब विश्व स्तर पर भी मान्यता मिल गई है. उनके नाम वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड लंदन में दर्ज किया गया है. यह उपलब्धि संभवतः सबसे अधिक सरकारी अधिकारियों को तैयार करने वाले शैक्षणिक संस्थान की प्राचार्या के रूप में उनके योगदान के लिए है, या फिर उनके किसी विशेष शैक्षिक नवाचार के लिए. यह एक अभूतपूर्व सम्मान है जो PETC इंदौर और मध्य प्रदेश के लिए गौरव का क्षण है. यह दर्शाता है कि एक सरकारी संस्थान और उसकी प्राचार्या अपने समर्पण से क्या हासिल कर सकती हैं.

यह विश्व रिकॉर्ड सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह PETC इंदौर के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की सामूहिक मेहनत का भी परिणाम है. यह इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प और साझा दृष्टिकोण के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.

एक प्रेरणादायक नेतृत्वकर्ता

डॉ. अलका भार्गव एक ऐसी प्रेरणादायक नेता हैं जिन्होंने अपने संस्थान को सिर्फ एक शिक्षण संस्थान से कहीं बढ़कर एक आशा और अवसर के प्रतीक में बदल दिया है. उनकी कहानी उन सभी के लिए एक मिसाल है जो यह मानते हैं कि सरकारी व्यवस्था में भी असाधारण कार्य संभव हैं. उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो संसाधनों की कमी या पुरानी व्यवस्थाएं भी सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बन सकती हैं.

उनका कार्य न केवल इंदौर और मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत है. यह हमें सिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपने कार्य के प्रति पूर्ण समर्पण और नवाचारी सोच के साथ समाज में महत्वपूर्ण और स्थायी बदलाव ला सकता है.

डॉ. अलका भार्गव की कहानी एक अनसुने नायक की कहानी है, जिन्होंने चुपचाप, लगन से काम करते हुए सैकड़ों जिंदगियों को संवारा और अब विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाई है. उनका नाम हमेशा उन लोगों में शुमार होगा जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई और छात्रों को उनके सपनों तक पहुंचने में मदद की.

हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे आसपास ऐसे कितने और “गुमनाम नायक” हैं, जिनके असाधारण योगदान को अभी तक पहचान नहीं मिली है. क्या आपको लगता है कि ऐसे और भी लोग हैं जिन्हें हमें ढूंढना और उनके कार्यों को उजागर करना चाहिए?

 

 

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