Monday, June 30, 2025
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घोड़ाडोंगरी शराब दुकान का खूनी खेल: आदिवासी युवा से मारपीट, अपहरण और ठेकेदार की करतूतों पर उठी लाइसेंस रद्द करने की मांग

बैतूल, मध्य प्रदेश: बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में एक शराब दुकान के कर्मचारियों द्वारा आदिवासी युवा के साथ मारपीट और अपहरण जैसे गंभीर कृत्य ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। यह घटना न केवल मानवीय गरिमा का उल्लंघन है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या शराब ठेकेदार ऐसे जघन्य कृत्यों के लिए अपने कर्मचारियों को खुली छूट दे रहे हैं।

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सूत्रों के अनुसार, यह अमानवीय घटना घोड़ाडोंगरी स्थित शराब दुकान पर घटित हुई, जहाँ कुछ कर्मचारियों ने मिलकर एक आदिवासी युवा के साथ बर्बरतापूर्ण मारपीट की और उसे कथित तौर पर अगवा भी कर लिया। यह समझना मुश्किल नहीं है कि शराब दुकान के कर्मचारी, विशेषकर इतने गंभीर अपराध को बिना मालिक की जानकारी या मौन सहमति के अंजाम नहीं दे सकते। यह पूरी तरह से मालिक की जवाबदेही और नियंत्रण की कमी को दर्शाता है।
इस घटना के सामने आने के बाद से पूरे जिले में गहरा विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। विभिन्न आदिवासी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता और आम जनता इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि इस तरह के कृत्य, जो एक सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य हैं, सीधे तौर पर शराब ठेकेदार की लापरवाही और आपराधिक प्रवृत्ति को दर्शाते हैं।

इस घटना की गंभीरता और इसके सामाजिक प्रभावों को देखते हुए, यह मांग जोर पकड़ रही है कि घोड़ाडोंगरी के शराब ठेकेदार का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। यदि इस तरह के मामलों में ठेकेदारों पर लगाम नहीं लगाई जाती है, तो यह समाज में अराजकता को बढ़ावा देगा और कमजोर वर्ग के लोगों पर अत्याचार जारी रहेंगे।
पुलिस प्रशासन से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करे और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दे। साथ ही, जिला प्रशासन को इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि क्या ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति वाले ठेकेदारों को शराब बेचने का लाइसेंस दिया जाना चाहिए। आदिवासी समुदाय के साथ हुए इस अन्याय के खिलाफ एक जुटता और ठेकेदार के लाइसेंस को रद्द करने की मांग अब एक जन आंदोलन का रूप ले रही है। यह समय है जब शासन-प्रशासन ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और सख्ती से पेश आए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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