Aditya-L1 Mission: गणेश चतुर्थी पर इसरो ने देशवासियों को दी खुशखबरी, आदित्य-एल1 ने सफलतापूर्वक बदली कक्षा, देखे पूरी खबर जानकारी के लिए बता दे आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से सफलतापूर्वक अपनी कक्षा बदल ली है। पृथ्वी को अलविदा कहने के बाद आदित्य-एल1 अब सूर्य की ओर अपने लंबे मिशन पर निकल चुका है। बता दे इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट के द्वारा बताया है।गणेश चतुर्थी के पहले दिन पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की ओर से बड़ी खुशखबरी मिली है। जिसके अनुसार आदित्य-एल1 ने पृथ्वी से सफलतापूर्वक अपनी कक्षा बदल ली है।
बता दे पृथ्वी को अलविदा कहने के बाद आदित्य-एल1 अब सूर्य की ओर अपने लंबे मिशन पर निकल चुका है। बता दे इसरो ने सोमवार देर रात साझा की है। इसरो ने बताया कि ट्रांस-लैग्रेंजियन पॉइंट 1 इंसर्शन पूरा हो गया है। मिशन अब उस रास्ते पर है जो उसे सूरज-धरती L1 पॉइंट तक ले जाएगा। लैग्नेंज प्वाइंट पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।अधिक जानकारी के लिए पूरी खबर पड़े।
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देखे अब तक कितनी बार बदल चुका अपनी कक्षा
आपको बता दे इसरो के आदित्य-एल1 मिशन ने इससे पहले 3 सितंबर को सफलतापूर्वक अपनी कक्षा को बदला था। पृथ्वी की कक्षा पर 16 दिन गुजारने के बाद यह सौर मिशन की ओर आगे बढ़ेगा। देश का पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था। इसे श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। इसे l1 पॉइंट तक पहुंचने में अब तक पांच बार अर्थ राउंड फायरिंग की जा चुकी है। इसरो के अनुसार आदित्य-एल1 करीब 110 दिन में L1 पॉइंट तक पहुंचेगा।
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देखे आदित्य-एल1 मिशन का क्या है मकसद
आपको जानकारी के लिए बता दे आदित्य-एल1 मिशन का मकसद सूर्य के आसपास के वायुमंडल का अध्ययन करना है। यह मिशन सूर्य की क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग की स्टडी करना है। साथ ही फ्लेयर्स पर रिसर्च करेगा। इसरो के मुताबिक आदित्य-एल1 का मेन मकसद सूर्य पर जाकर वहां के वातावरण की स्टडी करना है।
बता दे परन्तु सूर्ययान ऑर्बिट पर न ही उतरेगा और न ही सूरज के करीब जाकर स्टडी करेगा। इसके लिए आदित्य एल-1 सात लग-अलग कैमरा लगाए गए हैं, जो सूर्य पर स्टडी करते हुए नई जानकारी देंगे। अभी आदित्य-एल1 को सूर्य तक पहुंचने में करीब 4 महीने लगते है।
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